Wednesday 20 May 2015

समय के एक तमाचे की देर है


समय के एक तमाचे की देर है प्यारे,
मेरी फ़क़ीरी भी क्या,तेरी बादशाही भी क्या...!!
---------------------------------------------------------
------------------शुभम सचान "गुरु"----------------
https://www.facebook.com/shubham.sachan3
https://twitter.com/shubhamgmp
https://instagram.com/shubhgmp/

Saturday 16 May 2015

मैं हर किसी के लिए अपने आपको


मैं हर किसी के लिए अपने आपको अच्छा साबित नही कर सकता,
लेकिन मैं उनके लिए बेहतरीन हूँ जो मुझे समझते हैं |

|| इंसान खुद की नज़र में सही होना चाहिए...
बाकी दुनिया तो भगवान से भी दुखी है...||
----------------------------------------------------------
----------------------शुभम सचान "गुरु"--------------------

Wednesday 13 May 2015

जब टूटने लगे हौसले


जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तोताज़ नहीं होते...
ढूँढ लेना अंधेरों में अपनी मंजिल,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते...
------------------------------------------------------------
----------------------शुभम सचान "गुरु"--------------------

Monday 11 May 2015

अपनी कीमत उतनी रखिए


अपनी कीमत उतनी रखिए,जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,तन्हा हो जाओगे..!
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना,
जब सामने वाला बादशाह निकाले..!!
-----------------------------------------------------
-------------शुभम सचान "गुरु"-------------

Tuesday 5 May 2015

काश!!!! रोज होता हिंन्दुस्तान-पाकिस्तान का मैंच

काश!!!! रोज होता हिंन्दुस्तान-पाकिस्तान का मैंच,
कुछ पल तो तेरी याद के बिना मैं फुर्सतं से काट लेता...

रख रख के दिल में नफ़रत के बम,
पगली तूने दिल को पाकिस्तान बना लिया..

बड़ी उम्मीदों से मैं देखता हूँ उसको,भारत पाक का जैसे मैच कोई...

इश्क़ में न जाने कब,क्या,कैसे हो जाए,वेस्टइंडीज़ आयरलैंड का जैसे मैच कोई...

बात उससे प्यार की आगे ही नहीं बढ़ती कभी,उम्र अफ्रीदी की जैसे कोई...

छोड़ दे ये ज़िद दूरियों की,कैच हो जैसे अकमल का कोई...

कन्धों न जाने उसकी कितनी मजबूरियाँ है,कप्तान मिस्बाह जैसे पाकिस्तान का कोई...

दूरियाँ इस कदर बढ़ गयी उससे,मोहम्मद इरफ़ान का कद जैसे कोई...

रात होते ही न जाने कितने तारे निकल आये हैं,गालियाँ जैसे भारत पाक मैच में कोई...

बड़ी देर लगा दी मोहब्बत के इज़हार में,पिच पर दौड़ता इंज़माम जैसे कोई...

बस एक बार ही पलट कर देखा था उसने,पाक का जीता जैसे वर्ल्ड कप कोई...

ज़माना खूब हँसा मुझ पर,मैं जब जब गिरा राहों में पाकिस्तान का जैसे विकेट कोई...
---------------------------------------------------------------------------------------------
-------------------------शुभम सचान "गुरु"------------------------