Saturday, 25 July 2015

जल जाते हैं हमारे "अंदाज" से

"जल जाते हैं हमारे "अंदाज" से हमारे दुश्मन...
क्यूँकि एक मुद्दत से हमनें न "मोहब्बत" बदलीं न "दोस्त" बदलें "

Tuesday, 21 July 2015

बड़ा गुमान था हमें अपने यार पे ए-साकी

बड़ा गुमान था हमें अपने यार पे ए-साकी,
कि उस जैसा इस जहाँ में कोई नही,
पर ये न सोंच उसकी मासूमियत के आगे,
सवार तो उसी नाव में कर रहा हूँ,
जिसमे बेवफाई के हज़ारों छेद कर रखे हैं उसने...

--------------शुभम सचान "गुरु"---------------

Monday, 20 July 2015

मन की बात : शुभम सचान "गुरु" के साथ

मन की बात : शुभम सचान "गुरु" के साथ : ---
आज कल के बच्चे रिफ्रेश होने के लिए जहाँ वाटर पार्क, गेम सेंटर जाने की जिद करते हैं ......
वहीं हम ऐसे बच्चे थे जो मम्मी-पापा के एक झापड़ से ही फ्रेश हो जाते थे !
वो भी क्या दिन थे....????
जब बचपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 ₹ दे जाता था और माँ 8 ₹ TDS काटकर 2₹ थमा देती थी...
आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठा के ऐसे बाय बाय करते हैं जैसे पढ़ने को नहीं, विदेश यात्रा पर भेज रहें हो....
और एक हम थे जो रोज़ लात खा के स्कूल जाते थे
4-4 साल के बच्चे गाते फिर रहे हैं..... "छोटी ड्रेस में बॉम्ब लगदी मैनु"..
.
जब हम चार साल के थे तो 1 ही वर्ड याद था..वही गाते फिरते थे.....
""शक्ति शक्ति शक्तिमान-शक्तिमान"
भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का जिसने आज के बच्चो को फैशन के नाम पे छोटे छोटे और बारीक बाल रखना सीखा दिया....
हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई ही बालो को लेके होती थी
हम "दिलवाले" के अजय देवगन बनके घूमते थे....
और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते, उस दिन तो नाईं की दुकान से "ओमकारा का लंगड़ा त्यागी" बनाके ही घर लाते थे...!!

ए चाँद तू किस मजहब का है

आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम न होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगी जिंदगी के ये पन्ने,
तब शायद तुम्हारी आँखों से भी बरसात होगी...

ए चाँद तू किस मजहब का है,कि
ये ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा...

I'm not Single and I'm not Committed.
I'm simply on reserve for the ONE Who deserves.

तजुर्बा एक ही बार का

तजुर्बा एक ही बार का काफी था...
दोबारा हमने किसी से प्यार करके देखा ही नही...

Wednesday, 8 July 2015

आज फिर उसकी याद ने रुला दिया

आज फिर उसकी याद ने रुला दिया,
कैसा है ये चेहरा जिसने ये सिला दिया,
दो लफ्ज़ लिखने का सलीका न था,
उसके प्यार ने मुझे शायर बना दिया...

कल वो अपनी माताजी के साथ जा रही थी,
और हमें देखकर मुस्कुराने लगी,
मुझे उसकी मुस्कराहट देखकर ऐसा लग रहा था कि,
जैसे ये सोंच रही हो कि,
देखो मेरे प्यार में पड़े लड़के की क्या हालत की है मैंने...

जब किसी की ख़ुशी तुम्हारी ख़ुशी बन जाये,
जब किसी का गम तुम्हारा गम बन जाये,
तो समझ लेना.....
तुम्हे उससे प्यार हो गया है...

कुछ लोग ये सोचकर

कुछ लोग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते कि,
ये पागल दीवाना फिर कोई शायरी न सुना देँ...
-------------------शुभम सचान "गुरु"------------------

सुबह का एक वाकया

दोस्तों आज सुबह का एक वाकया सुनाता हूँ आप सभी को :-
आज मैं अपने घर के बाहर सुबह बैठा हुआ था,
तभी मेरे जान-परिचित का एक लड़का,
एक लड़की को रास्ते पर रोक कर प्रोपोज़ करने लगा,
और आगे कुछ ऐसा हुआ..........

लड़का : आई लव यू...पहली नज़र में ही तुम्हारा आशिक़ बन गया हूँ...
डू यू लव मी...??
लड़की : हम्म्म.........मैं तुमसे एक सवाल पूंछती हूँ...
अगर तुम जीत गए,तो मैं तुम्हे जवाब दे दूँगी...!!

लड़का मुस्कुराता है और चुपचाप जाने लगता है...
लड़की : क्या हुआ...?? जवाब नही चाहिए...!!
लड़का : (पलट कर कहता है) मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए...
जीत में मिला हुआ इनाम नही...!!

मैंने मन में कहा भाई हैट्स ऑफ यार क्या जवाब दिया है...!!

Wednesday, 1 July 2015

मै उसका हूं

मै उसका हूं, ये राज तो वो जान गयी "गुरु",
वो किसकी है ? ये सवाल मुझे सोने नही देता...