कल कुछ अजीब हुआ...
एक दुकान पे मै जाके बोला
"5 रू वाली 50 डेरी मिल्क देना"
सुनते ही बनिये का बेटा मेरी ओर देखकर
मुस्कुराते हुये बोला "अरे वाह
भय्याजी इतनी सारी गर्ल फ्र॓न्ड,
सही चाकलेट डे तो आप ही मनाओगे,
हमे भी तो मिलवाओ
"ठीक शाम को तैयार रहना" मैने कहा।
और जब शाम को अनाथ आश्रम की नन्ही बच्चियों ने
डेरी मिल्क लेकर "लव यू भैया" बोला
तो उसकी आँखो मे आँसू आ गये बोला
" सही है भैया असली चाँकलेट डे तो आप ही मनाते हो"
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