Saturday 27 February 2016

शायर बनना बहुत आसान है " गुरु "

जिन फूलों की परवरिश हमने अपनी मोहब्बत से की,
जब वो खुशबू के काबिल हुये तो औरों के लिए महकने लगे...!!

हर दर पर लहराता ये तिरंगा रहे,
हम रहें न रहें दुनिया में बस ये तिरंगा रहे,
सूख जाएँ आंसू हम सभी की आँखों से,
मेरे मुल्क में बहती सदा गंगा रहे,
दूर हो जाएँ हम सभी के दिलों से नफ़रतें,
जमीं पर कहीं भी न बाकी दंगा रहे,
ढक जाये बदन सब मुस्लिफों के भी,
मेरे प्यारे भारत में न कोई नंगा रहे,
होने न पाये द्रौपदी कोई लज्जित " गुरु ",
धरा पर दुर्योधन की न कोई जंघा रहे...!!

आ गया है फर्क उसकी नजरों में यकीनन,
अब एक खास अंदाज़ से, नजर अंदाज़ करती हैं हमे...!!

चलती हुई "कहानियों" के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास,
लेकिन खत्म हुए "किस्सों" की खामोशी ही बेहतर है...!!

दाद देते है तुम्हारे नजर-अंदाज करने के हुनर को,
जिसने भी सिखाया, वो "उस्ताद" कमाल का होगा...!!

इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के...!!

शायर बनना बहुत आसान है " गुरु "...
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री होनी चाहिए...!!

पागल हैं वो लोग जो 14 Feb को propose करते हैं ।
मैं तो कहता हूँ 1 April को करना चाहिए ।
मान गई तो Cool...
.
नहीं तो
.
दीदी April fool...!!

रहता तो नशा तेरी यादों का ही है,
लेकिन जब कोई पूछता है,
तो कह देता हुँ, पी रखी है...!!

मैंने उन सब चिड़ियों के पर काट दिए हैं,
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था...!!

मौसम में मस्त अजब सी खुमारी छा गई है,
अब लगता है मोहब्बत की फ़रवरी आ गई...💕

वो अगर हमसे बिछड कर खुश है,
तो खुदा करे...
मिलन का कोई मुकाम ना आये...!!

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