लोग इन्सान देखकर मोहब्बत करते हैं,
मैने मोहब्बत करके इन्सानों को देख लिया।
खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है...!!
अब किसी को बेवफा नहीं कहते हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है...!!
अब किसी की याद में नहीं रोते हम,
हमें अब चुपचाप जलना आ गया है...!!
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें अब कांटों पे चलना आ गया है...!!
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी,
चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया...
कहते हैं कब्र में सुकून की नींद होती है,
अजीब बात है कि
यह बात भी जिन्दा लोगों ने कही...!!
चलो ये भी ठीक है...शायद यूँ ही कटेगा अब सफ़र,
तुम वहाँ से याद करना, हम यहाँ पर मुस्कुराएँगे...!!
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