Thursday 4 June 2015

मेरे दिल का समऩ्दर


"मेरे दिल का समऩ्दर आज बड़ा ख़ामोश सा है...
लगता है आज़ रात उसकी यादों का तूफ़ान आयेगा"
------------------------------------------------------------
-----------------------शुभम सचान "गुरु"----------------------

No comments:

Post a Comment