Monday 29 June 2015

अगर इश्क है गुनाह

अगर इश्क है गुनाह तो,
मैं गुनहगार हूँ!!

ये जो छोटू होते है ना दुकान, होटल और वर्कशॉप पर,
दरअसल ये बच्चे अपने घर के बड़े होते है...

मसला ऐसा नहीं जो तुरंत हल हो जाये......
इश्क तालीम नहीं जो मुकम्मल हो जाये.....!!

तेरा प्यार भी सनम,सर्दियो के गरम पानी की तरह है,
जितना भी मिल जाए ,उतना कम है...!!

कहते है ऊपर वाले ने हर किसी के लिए,
किसी न किसी को बनाया है...
कही मेरी वाली ने आत्महत्या तो नहीं कर ली,
मिल ही नहीं रही है।

दिल भी कमबख्त नोबिता बना है !
हमेशा सुजूका सुजुका करता रहता है !

जज्बात अब हमारे भी बरस पड़े हैं, बेमौसम बारिश की तरह,
ये दिल बर्बाद हो जाएगा, गरीब किसान की तरह.....!

जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुऐं पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी...??

गिले-सिकवे में उलझ कर रह गयी मोहब्बत अपनी,
समझ में नही आता,
मोहब्बत चल रही थी या कोई मुकदमा...!!

वो कहती थी कि,
मैं तुम्हारी ज़िन्दगी को जन्नत बना दूंगी,
बनानी तो उसे मैगी भी नहीं आती थी,
लेकिन छोरी का आत्मविश्वास तो देखो...!!

दिल्ली की एक लड़की को 12th की परीक्षा में 99.2% मार्क्स मिले हैं,
अरे इतना तो कभी हमारा फ़ोन भी चार्ज नहीं होता...!!

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