Saturday, 1 August 2015

इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है

इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है,
मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ...

हैरान कर दिया, उसने आंसुओं की वजह पूछकर,
जो शख्स कभी मुझको, मुझसे ज्यादा जानता था...

जरा सी बारिश हुई नही,
कि अखबार में भीगी लडकियों की
तस्वीरें छपने लगीं
*
*
*
जैसे हम लड़के तो ‪Waterproof‬ पैदा हुए हैं...

मुझे इतना भी मत घुमा ए जिंदगी...
मै 'शहर का शायर' हूँ ,
"MRF का टायर" नहीं....

किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तनहाई में..
मैंने कहा कुछ पूराने रास्ते, 
वो प्यारा बचपन ,
कुछ कमीने दोस्त,
और एक लडकी और उसकी बेरुखी!!!

लम्बे- लम्बे नाख़ून रखने वाली लडकियों को,
बिना लाइसेंस अवैध हथियार रखने के जुर्म में,
कठोर कारावास तो होना ही चाहिए...

हमने तो उस शहर में भी किया है इंतज़ार तेरा,
जहाँ मोहब्बत का कोई रिवाज़ न था...!!

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