अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
"माँ,बहन,बेटी या महबूब के साये से जुदा,
एक लम्हा न हो, उम्मीद करता रहता हूँ
एक औरत है मेरी रूह में सदियों से दफ़न ,
हर सदा जिस कि, मैं बस गीत करता रहता हूँ ...!"
---------------------------------------------------------------
----------------------शुभम सचान "गुरु"----------------------
No comments:
Post a Comment